Original

वैशंपायन उवाच ।ततोऽब्रवीद्भगवान्धर्मराजमद्य पुण्याहमुत पाण्डवेय ।अद्य पौष्यं योगमुपैति चन्द्रमाः पाणिं कृष्णायास्त्वं गृहाणाद्य पूर्वम् ॥ ५ ॥

Segmented

वैशंपायन उवाच ततो ऽब्रवीद् भगवान् धर्मराजम् अद्य पुण्य-अहम् उत पाण्डवेय अद्य पौष्यम् योगम् उपैति चन्द्रमाः पाणिम् कृष्णायाः त्वम् गृहाण अद्य पूर्वम्

Analysis

Word Lemma Parse
वैशंपायन वैशम्पायन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
ततो ततस् pos=i
ऽब्रवीद् ब्रू pos=v,p=3,n=s,l=lan
भगवान् भगवत् pos=a,g=m,c=1,n=s
धर्मराजम् धर्मराज pos=n,g=m,c=2,n=s
अद्य अद्य pos=i
पुण्य पुण्य pos=a,comp=y
अहम् अह pos=n,g=n,c=1,n=s
उत उत pos=i
पाण्डवेय पाण्डवेय pos=n,g=m,c=8,n=s
अद्य अद्य pos=i
पौष्यम् पौष्य pos=a,g=m,c=2,n=s
योगम् योग pos=n,g=m,c=2,n=s
उपैति उपे pos=v,p=3,n=s,l=lat
चन्द्रमाः चन्द्रमस् pos=n,g=m,c=1,n=s
पाणिम् पाणि pos=n,g=m,c=2,n=s
कृष्णायाः कृष्णा pos=n,g=f,c=6,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
गृहाण ग्रह् pos=v,p=2,n=s,l=lot
अद्य अद्य pos=i
पूर्वम् पूर्वम् pos=i