महाभारतम् — 1.185.22
Original
Segmented
सुख-उपविष्टम् तु पुरोहितम् तम् युधिष्ठिरो ब्राह्मणम् इति उवाच पाञ्चाल-राजेन सुता निसृष्टा स्वधर्म-दृष्टेन यथा अनुकामम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सुख | सुख | pos=a,comp=y |
उपविष्टम् | उपविश् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
पुरोहितम् | पुरोहित | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
युधिष्ठिरो | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ब्राह्मणम् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इति | इति | pos=i |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पाञ्चाल | पाञ्चाल | pos=n,comp=y |
राजेन | राज | pos=n,g=m,c=3,n=s |
सुता | सुता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
निसृष्टा | निसृज् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
स्वधर्म | स्वधर्म | pos=n,comp=y |
दृष्टेन | दृश् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
यथा | यथा | pos=i |
अनुकामम् | अनुकाम | pos=n,g=m,c=2,n=s |