महाभारतम् — 1.185.12
Original
Segmented
निःसंशयम् क्षत्रिय-पुंगवाः ते यथा हि युद्धम् कथयन्ति राजन् आशा हि नो व्यक्तम् इयम् समृद्धा मुक्तान् हि पार्थाञ् शृणुमो अग्नि-दाहात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
निःसंशयम् | निःसंशय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
क्षत्रिय | क्षत्रिय | pos=n,comp=y |
पुंगवाः | पुंगव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
यथा | यथा | pos=i |
हि | हि | pos=i |
युद्धम् | युद्ध | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कथयन्ति | कथय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
आशा | आशा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
नो | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
व्यक्तम् | व्यञ्ज् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
समृद्धा | समृध् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
मुक्तान् | मुच् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
हि | हि | pos=i |
पार्थाञ् | पार्थ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
शृणुमो | श्रु | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
दाहात् | दाह | pos=n,g=m,c=5,n=s |