महाभारतम् — 1.178.5
Original
Segmented
कन्दर्प-बाण-अभिनिपीडय्-अङ्गाः कृष्णा-गतैः ते हृदयैः नरेन्द्राः रङ्ग-अवतीर्णाः द्रुपद-आत्मजा-अर्थम् द्वेष्यान् हि चक्रुः सुहृदो ऽपि तत्र
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कन्दर्प | कन्दर्प | pos=n,comp=y |
बाण | बाण | pos=n,comp=y |
अभिनिपीडय् | अभिनिपीडय् | pos=va,comp=y,f=part |
अङ्गाः | अङ्ग | pos=n,g=m,c=1,n=p |
कृष्णा | कृष्णा | pos=n,comp=y |
गतैः | गम् | pos=va,g=n,c=3,n=p,f=part |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
हृदयैः | हृदय | pos=n,g=n,c=3,n=p |
नरेन्द्राः | नरेन्द्र | pos=n,g=m,c=1,n=p |
रङ्ग | रङ्ग | pos=n,comp=y |
अवतीर्णाः | अवतृ | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
द्रुपद | द्रुपद | pos=n,comp=y |
आत्मजा | आत्मजा | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
द्वेष्यान् | द्विष् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=krtya |
हि | हि | pos=i |
चक्रुः | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
सुहृदो | सुहृद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
ऽपि | अपि | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |