महाभारतम् — 1.153.7
Original
Segmented
स तत्र अकथयत् विप्रः कथा-अन्ते जनमेजय पाञ्चालेषु अद्भुत-आकारम् याज्ञसेन्याः स्वयंवरम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
अकथयत् | कथय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
विप्रः | विप्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कथा | कथा | pos=n,comp=y |
अन्ते | अन्त | pos=n,g=m,c=7,n=s |
जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
पाञ्चालेषु | पाञ्चाल | pos=n,g=m,c=7,n=p |
अद्भुत | अद्भुत | pos=a,comp=y |
आकारम् | आकार | pos=n,g=m,c=2,n=s |
याज्ञसेन्याः | याज्ञसेनी | pos=n,g=f,c=6,n=s |
स्वयंवरम् | स्वयंवर | pos=n,g=m,c=2,n=s |