Original

शौनक उवाच ।किमर्थं राजशार्दूलः स राजा जनमेजयः ।सर्पसत्रेण सर्पाणां गतोऽन्तं तद्वदस्व मे ॥ १ ॥

Segmented

शौनक उवाच किम् अर्थम् राज-शार्दूलः स राजा जनमेजयः सर्प-सत्त्रेण सर्पाणाम् गतो ऽन्तम् तद् वदस्व मे

Analysis

Word Lemma Parse
शौनक शौनक pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
किम् pos=n,g=n,c=2,n=s
अर्थम् अर्थ pos=n,g=n,c=2,n=s
राज राजन् pos=n,comp=y
शार्दूलः शार्दूल pos=n,g=m,c=1,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
राजा राजन् pos=n,g=m,c=1,n=s
जनमेजयः जनमेजय pos=n,g=m,c=1,n=s
सर्प सर्प pos=n,comp=y
सत्त्रेण सत्त्र pos=n,g=n,c=3,n=s
सर्पाणाम् सर्प pos=n,g=m,c=6,n=p
गतो गम् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ऽन्तम् अन्त pos=n,g=m,c=2,n=s
तद् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
वदस्व वद् pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s