महाभारतम् — 1.1.78
Original
Segmented
तद्-प्रीत्या च एव सर्वेषाम् पौराणाम् हर्ष-सम्भवः शब्द आसीन् महांस् तत्र दिव-स्पृः कीर्ति-वर्धनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तद् | तद् | pos=n,comp=y |
प्रीत्या | प्रीति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
सर्वेषाम् | सर्व | pos=n,g=m,c=6,n=p |
पौराणाम् | पौर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
हर्ष | हर्ष | pos=n,comp=y |
सम्भवः | सम्भव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शब्द | शब्द | pos=n,g=m,c=1,n=s |
आसीन् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
महांस् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
दिव | दिव | pos=n,comp=y |
स्पृः | स्पृश् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कीर्ति | कीर्ति | pos=n,comp=y |
वर्धनः | वर्धन | pos=a,g=m,c=1,n=s |