महाभारतम् — 1.1.18
Original
Segmented
जनमेजयस्य याम् राज्ञो वैशम्पायन उक्तवान् यथावत् स ऋषिस् तुष्ट्या सत्त्रे द्वैपायन-आज्ञया
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जनमेजयस्य | जनमेजय | pos=n,g=m,c=6,n=s |
याम् | यद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
राज्ञो | राजन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वैशम्पायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
यथावत् | यथावत् | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऋषिस् | ऋषि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तुष्ट्या | तुष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
सत्त्रे | सत्त्र | pos=n,g=n,c=7,n=s |
द्वैपायन | द्वैपायन | pos=n,comp=y |
आज्ञया | आज्ञा | pos=n,g=f,c=3,n=s |