महाभारतम् — 1.1.153
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् द्रोणपुत्र-आदिभिः तैः हतान् पाञ्चालान् द्रौपदेयान् च सुप्तान् कृतम् बीभत्सम् अयशस्यम् च कर्म तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
द्रोणपुत्र | द्रोणपुत्र | pos=n,comp=y |
आदिभिः | आदि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
हतान् | हन् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
पाञ्चालान् | पाञ्चाल | pos=n,g=m,c=2,n=p |
द्रौपदेयान् | द्रौपदेय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
सुप्तान् | स्वप् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
बीभत्सम् | बीभत्स | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अयशस्यम् | अयशस्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
न | न | pos=i |
आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |