महाभारतम् — 1.1.151
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् पाण्डवांस् तिष्ठमानान् गङ्गाह्रदे वासुदेवेन सार्धम् अमर्षणम् धर्षयतः सुतम् मे तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
पाण्डवांस् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तिष्ठमानान् | स्था | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
गङ्गाह्रदे | गङ्गाह्रद | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वासुदेवेन | वासुदेव | pos=n,g=m,c=3,n=s |
सार्धम् | सार्धम् | pos=i |
अमर्षणम् | अमर्षण | pos=a,g=m,c=2,n=s |
धर्षयतः | धर्षय् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
सुतम् | सुत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
न | न | pos=i |
आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |