महाभारतम् — 1.1.138
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् नाग-बलैः दुरुत्सहम् द्रोण-अनीकम् युयुधानम् प्रमथ्य यातम् वार्ष्णेयम् यत्र तौ कृष्ण-पार्थौ तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
नाग | नाग | pos=n,comp=y |
बलैः | बल | pos=n,g=m,c=3,n=p |
दुरुत्सहम् | दुरुत्सह | pos=a,g=m,c=2,n=s |
द्रोण | द्रोण | pos=n,comp=y |
अनीकम् | अनीक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
युयुधानम् | युयुधान | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रमथ्य | प्रमथ् | pos=vi |
यातम् | या | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
वार्ष्णेयम् | वार्ष्णेय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
तौ | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
कृष्ण | कृष्ण | pos=n,comp=y |
पार्थौ | पार्थ | pos=n,g=m,c=1,n=d |
तदा | तदा | pos=i |
न | न | pos=i |
आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |