महाभारतम् — 1.1.135
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् सैन्धव-अर्थे प्रतिज्ञाम् प्रतिज्ञाताम् तद्-वधाय अर्जुनेन सत्याम् निस्तीर्णाम् शत्रु-मध्ये च तेन तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
सैन्धव | सैन्धव | pos=n,comp=y |
अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
प्रतिज्ञाम् | प्रतिज्ञा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्रतिज्ञाताम् | प्रतिज्ञा | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
तद् | तद् | pos=n,comp=y |
वधाय | वध | pos=n,g=m,c=4,n=s |
अर्जुनेन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=3,n=s |
सत्याम् | सत्य | pos=a,g=f,c=2,n=s |
निस्तीर्णाम् | निस्तृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
शत्रु | शत्रु | pos=n,comp=y |
मध्ये | मध्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
तेन | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
न | न | pos=i |
आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |