महाभारतम् — 1.1.131
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् च अस्मदीयान् महा-रथान् व्यवस्थितान् अर्जुनस्य अन्तकाय संशप्तकान् निहतान् अर्जुनेन तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
च | च | pos=i |
अस्मदीयान् | अस्मदीय | pos=a,g=m,c=2,n=p |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
रथान् | रथ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
व्यवस्थितान् | व्यवस्था | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
अर्जुनस्य | अर्जुन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अन्तकाय | अन्तक | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संशप्तकान् | संशप्तक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
निहतान् | निहन् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
अर्जुनेन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=3,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
न | न | pos=i |
आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |