महाभारतम् — 1.1.129
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् शुक्र-सूर्यौ च युक्तौ कौन्तेयानाम् अनुलोमौ जयाय नित्यम् च अस्मान् श्वापदाः व्याभषन्तस् तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
शुक्र | शुक्र | pos=n,comp=y |
सूर्यौ | सूर्य | pos=n,g=m,c=2,n=d |
च | च | pos=i |
युक्तौ | युज् | pos=va,g=m,c=2,n=d,f=part |
कौन्तेयानाम् | कौन्तेय | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अनुलोमौ | अनुलोम | pos=a,g=m,c=2,n=d |
जयाय | जय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
च | च | pos=i |
अस्मान् | मद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
श्वापदाः | श्वापद | pos=n,g=m,c=1,n=p |
व्याभषन्तस् | व्याभष् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
तदा | तदा | pos=i |
न | न | pos=i |
आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |