महाभारतम् — 1.1.121
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् मन्त्रिणम् वासुदेवम् तथा भीष्मम् शांतनवम् च तेषाम् भारद्वाजम् च आशिषः ऽनुब्रुवाणम् तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
मन्त्रिणम् | मन्त्रिन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
वासुदेवम् | वासुदेव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
भीष्मम् | भीष्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शांतनवम् | शांतनव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
भारद्वाजम् | भारद्वाज | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
आशिषः | आशिस् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
ऽनुब्रुवाणम् | अनुब्रू | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
तदा | तदा | pos=i |
न | न | pos=i |
आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |