महाभारतम् — 1.1.118
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् माधवम् वासुदेवम् सर्व-आत्मना पाण्डव-अर्थे निविष्टम् यस्य इमाम् गाम् विक्रमम् एकम् आहुस् तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
माधवम् | माधव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
वासुदेवम् | वासुदेव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
आत्मना | आत्मन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
पाण्डव | पाण्डव | pos=n,comp=y |
अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
निविष्टम् | निविश् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
इमाम् | इदम् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
गाम् | गो | pos=n,g=,c=2,n=s |
विक्रमम् | विक्रम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
एकम् | एक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आहुस् | अह् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
तदा | तदा | pos=i |
न | न | pos=i |
आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |