महाभारतम् — 1.1.115
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् सत्कृताम् मत्स्य-राज्ञा सुताम् दत्ताम् उत्तराम् अर्जुनाय ताम् च अर्जुनः प्रत्यगृह्णात् सुत-अर्थे तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
सत्कृताम् | सत्कृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
मत्स्य | मत्स्य | pos=n,comp=y |
राज्ञा | राजन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
सुताम् | सुता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
दत्ताम् | दा | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
उत्तराम् | उत्तर | pos=a,g=f,c=2,n=s |
अर्जुनाय | अर्जुन | pos=n,g=m,c=4,n=s |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
अर्जुनः | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रत्यगृह्णात् | प्रतिग्रह् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
सुत | सुत | pos=n,comp=y |
अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
न | न | pos=i |
आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |