महाभारतम् — 1.1.110
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् त्रिदिव-स्थम् धनंजयम् शक्रात् साक्षाद् दिव्यम् अस्त्रम् यथावत् अधीयानम् शंसितम् सत्य-संधम् तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
त्रिदिव | त्रिदिव | pos=n,comp=y |
स्थम् | स्थ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
धनंजयम् | धनंजय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शक्रात् | शक्र | pos=n,g=m,c=5,n=s |
साक्षाद् | साक्षात् | pos=i |
दिव्यम् | दिव्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अस्त्रम् | अस्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
यथावत् | यथावत् | pos=i |
अधीयानम् | अधी | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
शंसितम् | शंस् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
सत्य | सत्य | pos=a,comp=y |
संधम् | संधा | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
न | न | pos=i |
आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |