महाभारतम् — 1.1.105
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् हृत-राज्यम् युधिष्ठिरम् पराजितम् सौबलेन अक्षवत्याम् अन्वागतम् भ्रातृभिः अप्रमेयैस् तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
हृत | हृ | pos=va,comp=y,f=part |
राज्यम् | राज्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
युधिष्ठिरम् | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पराजितम् | पराजि | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
सौबलेन | सौबल | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अक्षवत्याम् | अक्षवती | pos=n,g=f,c=7,n=s |
अन्वागतम् | अन्वागम् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
भ्रातृभिः | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
अप्रमेयैस् | अप्रमेय | pos=a,g=m,c=3,n=p |
तदा | तदा | pos=i |
न | न | pos=i |
आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |