महाभारतम् — 1.1.102
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् धनुः आयम्य चित्रम् विद्धम् लक्ष्यम् पातितम् वै पृथिव्याम् कृष्णाम् हृताम् पश्यताम् सर्व-राज्ञाम् तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
धनुः | धनुस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आयम्य | आयम् | pos=vi |
चित्रम् | चित्र | pos=a,g=n,c=2,n=s |
विद्धम् | व्यध् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
लक्ष्यम् | लक्ष्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
पातितम् | पातय् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
वै | वै | pos=i |
पृथिव्याम् | पृथिवी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
कृष्णाम् | कृष्णा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
हृताम् | हृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
पश्यताम् | दृश् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
राज्ञाम् | राजन् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
तदा | तदा | pos=i |
न | न | pos=i |
आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |