किरातार्जुनीयम् — 5.49
Original
Segmented
भव्यो भवन्न् अपि मुनेः इह शासनेन क्षात्रे स्थितः पथि तपस्य हत-प्रमादः प्रायेण सत्य् अपि हित-अर्थ-करे विधौ हि श्रेयांसि लब्धुम् असुखानि विना अन्तरायैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भव्यो | भव्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भवन्न् | भू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
अपि | अपि | pos=i |
मुनेः | मुनि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
इह | इह | pos=i |
शासनेन | शासन | pos=n,g=n,c=3,n=s |
क्षात्रे | क्षात्र | pos=a,g=m,c=7,n=s |
स्थितः | स्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
पथि | पथिन् | pos=n,g=,c=7,n=s |
तपस्य | तप | pos=n,g=m,c=6,n=s |
हत | हन् | pos=va,comp=y,f=part |
प्रमादः | प्रमाद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रायेण | प्रायेण | pos=i |
सत्य् | अस् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
अपि | अपि | pos=i |
हित | हित | pos=a,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
करे | कर | pos=a,g=m,c=7,n=s |
विधौ | विधि | pos=n,g=m,c=7,n=s |
हि | हि | pos=i |
श्रेयांसि | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
लब्धुम् | लभ् | pos=vi |
असुखानि | असुख | pos=a,g=n,c=2,n=p |
विना | विना | pos=i |
अन्तरायैः | अन्तराय | pos=n,g=m,c=3,n=p |