किरातार्जुनीयम् — 5.44
Original
Segmented
स्नपित-नव-लता-तरु-प्रवालैः अमृत-लव-स्रुति-शालिन् मयूखैः सततम् असित-यामिनी शम्भो अमलयति इह वनान्तम् इन्दु-लेखा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्नपित | स्नपय् | pos=va,comp=y,f=part |
नव | नव | pos=a,comp=y |
लता | लता | pos=n,comp=y |
तरु | तरु | pos=n,comp=y |
प्रवालैः | प्रवाल | pos=n,g=m,c=3,n=p |
अमृत | अमृत | pos=n,comp=y |
लव | लव | pos=n,comp=y |
स्रुति | स्रुति | pos=n,comp=y |
शालिन् | शालिन् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
मयूखैः | मयूख | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सततम् | सततम् | pos=i |
असित | असित | pos=a,comp=y |
यामिनी | यामिनी | pos=n,g=f,c=7,n=p |
शम्भो | शम्भु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
अमलयति | अमलय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
इह | इह | pos=i |
वनान्तम् | वनान्त | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इन्दु | इन्दु | pos=n,comp=y |
लेखा | लेखा | pos=n,g=f,c=1,n=s |