किरातार्जुनीयम् — 5.37
Original
Segmented
रम्या नव-द्युतिः अपैति न शाद्वलेभ्यः श्यामीभवन्ति अनुदिनम् नलिनी-वना अस्मिन् विचित्र-कुसुम-स्तबक-आचितानाम् शाखाभृताम् परिणमन्ति न पल्लवानि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
रम्या | रम्य | pos=a,g=f,c=1,n=s |
नव | नव | pos=a,comp=y |
द्युतिः | द्युति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
अपैति | अपे | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
न | न | pos=i |
शाद्वलेभ्यः | शाद्वल | pos=n,g=m,c=5,n=p |
श्यामीभवन्ति | श्यामीभू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
अनुदिनम् | अनुदिनम् | pos=i |
नलिनी | नलिनी | pos=n,comp=y |
वना | वन | pos=n,g=n,c=1,n=p |
अस्मिन् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
विचित्र | विचित्र | pos=a,comp=y |
कुसुम | कुसुम | pos=n,comp=y |
स्तबक | स्तबक | pos=n,comp=y |
आचितानाम् | आचि | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
शाखाभृताम् | शाखाभृत् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
परिणमन्ति | परिणम् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
न | न | pos=i |
पल्लवानि | पल्लव | pos=n,g=n,c=1,n=p |