किरातार्जुनीयम् — 5.20
Original
Segmented
सुलभैः सदा नयवत् अयवत् निधि-गुह्यक-अधिप-रमैः परमैः अमुना धनैः क्षितिभृत् अतिभृता समतीत्य भाति जगती जगती
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सुलभैः | सुलभ | pos=a,g=n,c=3,n=p |
सदा | सदा | pos=i |
नयवत् | नयवत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
अयवत् | अयवत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
निधि | निधि | pos=n,comp=y |
गुह्यक | गुह्यक | pos=n,comp=y |
अधिप | अधिप | pos=n,comp=y |
रमैः | रम | pos=a,g=n,c=3,n=p |
परमैः | परम | pos=a,g=n,c=3,n=p |
अमुना | अदस् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
धनैः | धन | pos=n,g=n,c=3,n=p |
क्षितिभृत् | क्षितिभृत् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अतिभृता | अतिभृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
समतीत्य | समती | pos=vi |
भाति | भा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
जगती | जगती | pos=n,g=f,c=1,n=s |
जगती | जगन्त् | pos=n,g=n,c=2,n=d |