Original

सुलभैः सदा नयवतायवता निधिगुह्यकाधिपरमैः परमैः ।अमुना धनैः क्षितिभृतातिभृता समतीत्य भाति जगती जगती ॥

Segmented

सुलभैः सदा नयवत् अयवत् निधि-गुह्यक-अधिप-रमैः परमैः अमुना धनैः क्षितिभृत् अतिभृता समतीत्य भाति जगती जगती

Analysis

Word Lemma Parse
सुलभैः सुलभ pos=a,g=n,c=3,n=p
सदा सदा pos=i
नयवत् नयवत् pos=a,g=m,c=3,n=s
अयवत् अयवत् pos=a,g=m,c=3,n=s
निधि निधि pos=n,comp=y
गुह्यक गुह्यक pos=n,comp=y
अधिप अधिप pos=n,comp=y
रमैः रम pos=a,g=n,c=3,n=p
परमैः परम pos=a,g=n,c=3,n=p
अमुना अदस् pos=n,g=m,c=3,n=s
धनैः धन pos=n,g=n,c=3,n=p
क्षितिभृत् क्षितिभृत् pos=n,g=m,c=3,n=s
अतिभृता अतिभृ pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
समतीत्य समती pos=vi
भाति भा pos=v,p=3,n=s,l=lat
जगती जगती pos=n,g=f,c=1,n=s
जगती जगन्त् pos=n,g=n,c=2,n=d