किरातार्जुनीयम् — 16.5
Original
Segmented
हत हत इति उद्धत-भीष्म-घोषैः समुझिता योद्धृभिः अभ्यमित्रम् न हेतयः प्राप्त-तडित्-त्विषः खे विवस्वन्त्-अंशु-ज्वल् पतन्ति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
हत | हन् | pos=v,p=2,n=p,l=lot |
हत | हन् | pos=v,p=2,n=p,l=lot |
इति | इति | pos=i |
उद्धत | उद्धन् | pos=va,comp=y,f=part |
भीष्म | भीष्म | pos=a,comp=y |
घोषैः | घोष | pos=n,g=m,c=3,n=p |
समुझिता | समुझ् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
योद्धृभिः | योद्धृ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
अभ्यमित्रम् | अभ्यमित्र | pos=a,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
हेतयः | हेति | pos=n,g=f,c=1,n=p |
प्राप्त | प्राप् | pos=va,comp=y,f=part |
तडित् | तडित् | pos=n,comp=y |
त्विषः | त्विष् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
खे | ख | pos=n,g=n,c=7,n=s |
विवस्वन्त् | विवस्वन्त् | pos=n,comp=y |
अंशु | अंशु | pos=n,comp=y |
ज्वल् | ज्वल् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
पतन्ति | पत् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |