किरातार्जुनीयम् — 16.38
Original
Segmented
दिङ्नाग-हस्त-आकृतिम् उद्वहद्भिः भोगैः प्रशस्त-असित-रत्न-नीलैः रराज सर्प-आवली उल्लसन्ती तरङ्ग-माला इव नभः-अर्णवस्य
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दिङ्नाग | दिङ्नाग | pos=n,comp=y |
हस्त | हस्त | pos=n,comp=y |
आकृतिम् | आकृति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
उद्वहद्भिः | उद्वह् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
भोगैः | भोग | pos=n,g=m,c=3,n=p |
प्रशस्त | प्रशंस् | pos=va,comp=y,f=part |
असित | असित | pos=a,comp=y |
रत्न | रत्न | pos=n,comp=y |
नीलैः | नील | pos=a,g=m,c=3,n=p |
रराज | राज् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सर्प | सर्प | pos=n,comp=y |
आवली | आवलि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
उल्लसन्ती | उल्लस् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
तरङ्ग | तरंग | pos=n,comp=y |
माला | माला | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
नभः | नभस् | pos=n,comp=y |
अर्णवस्य | अर्णव | pos=n,g=m,c=6,n=s |