Original

धनुः प्रबन्धध्वनितं रुषेव सकृद् विकृष्टा विततेव मौर्वी ।संधानम् उत्कर्षम् इव व्युदस्य मुष्टेर् असम्भेद इवापवर्गे ॥

Segmented

धनुः प्रबन्ध-ध्वनितम् रुषा इव सकृद् विकृष्टा वितता इव मौर्वी संधानम् उत्कर्षम् इव व्युदस्य मुष्टेः अ संभेदः इव अपवर्गे

Analysis

Word Lemma Parse
धनुः धनुस् pos=n,g=n,c=1,n=s
प्रबन्ध प्रबन्ध pos=n,comp=y
ध्वनितम् ध्वनय् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
रुषा रुष् pos=n,g=f,c=3,n=s
इव इव pos=i
सकृद् सकृत् pos=i
विकृष्टा विकृष् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
वितता वितन् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
इव इव pos=i
मौर्वी मौर्वी pos=n,g=f,c=1,n=s
संधानम् संधान pos=n,g=n,c=2,n=s
उत्कर्षम् उत्कर्ष pos=n,g=m,c=2,n=s
इव इव pos=i
व्युदस्य व्युदस् pos=vi
मुष्टेः मुष्टि pos=n,g=m,c=6,n=s
pos=i
संभेदः सम्भेद pos=n,g=m,c=1,n=s
इव इव pos=i
अपवर्गे अपवर्ग pos=n,g=m,c=7,n=s