बोधिचर्यावतारः — 9.35
Original
Segmented
यदा न भावो न अभावः मतेः संतिष्ठते पुरः तदा अन्य-गति-अभावेन निरालम्बा प्रशाम्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| भावो | भाव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| अभावः | अभाव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मतेः | मति | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| संतिष्ठते | संस्था | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| पुरः | पुरस् | pos=i |
| तदा | तदा | pos=i |
| अन्य | अन्य | pos=n,comp=y |
| गति | गति | pos=n,comp=y |
| अभावेन | अभाव | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| निरालम्बा | निरालम्ब | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| प्रशाम्यते | प्रशामय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |