2025-04-20 14:32:32 by ambuda-bot
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APPENDIX B.
A conspectus of stanzas in the three recensions and
in Rudramadevakumara's text and their sequence.
Stanza
Rdr.
ज्याकृष्टिबद्धखटका-
क्षिप्तो हस्तावलग्नः
आलोलामलकावलिं
अलसवलितैः प्रेमा-
अगुल्यमनखेन
दत्तोऽस्याः प्रणयस्त्वयैव
लिखन्नास्ते भूमिं
4
1
1
1235670
234
23 In
10
5
67
69
12
3
8
नार्यो मुग्धराठा
8
8
9
कोपात्कोमललाल-
9
9
याताः किं न मिलन्ति
10
10
11
तद्वक्त्राभिमुखं
11
11
प्रहरविरतौ मध्ये
12
12
23
12
48567801
13
धीरं वारिधरस्य
13
13
Om
कृतो दूरादेव
14
14
56
कथमपि सखि क्रीडा-
15
15
14
दंपत्योर्निशि
16
16
15
1223
545
82
प्रयच्छाहारं मे
17
Om
Om
Om
अज्ञानेन पराङ्मुखीं
18
17
एकत्रासनसंस्थितिः
कासनसंस्थि
चरणपतनप्रत्याख्यान-
222
18
20
21
20
4567
6189
7692
14
15
16
17
A conspectus of stanzas in the three recensions and
in Rudramadevakumara's text and their sequence.
Stanza
Rdr.
ज्याकृष्टिबद्धखटका-
क्षिप्तो हस्तावलग्नः
आलोलामलकावलिं
अलसवलितैः प्रेमा-
अगुल्यमनखेन
दत्तोऽस्याः प्रणयस्त्वयैव
लिखन्नास्ते भूमिं
4
1
1
1235670
234
23 In
10
5
67
69
12
3
8
नार्यो मुग्धराठा
8
8
9
कोपात्कोमललाल-
9
9
याताः किं न मिलन्ति
10
10
11
तद्वक्त्राभिमुखं
11
11
प्रहरविरतौ मध्ये
12
12
23
12
48567801
13
धीरं वारिधरस्य
13
13
Om
कृतो दूरादेव
14
14
56
कथमपि सखि क्रीडा-
15
15
14
दंपत्योर्निशि
16
16
15
1223
545
82
प्रयच्छाहारं मे
17
Om
Om
Om
अज्ञानेन पराङ्मुखीं
18
17
एकत्रासनसंस्थितिः
कासनसंस्थि
चरणपतनप्रत्याख्यान-
222
18
20
21
20
4567
6189
7692
14
15
16
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